Saturday 23 June 2012

तेरी यादौं का ये शमां


जब जब तेरी याद मैं ये तन्हा दिल घबराया 
बेचैन और उदास मन मैं ये दर्द का बादल छाया
तन्हाई, अकेलेपन मैं तेरी यादौं का ये शमां
बस कहता है, ना अब तू है, ना तेरी आहटें हैं 
बस अब तो मैं हूँ और मेरी तन्हाईयां हैं ....

दिल भी खो बैठा अपनी जुस्तजू कहीं 
गज़लें रास नही आतीं, दिल जीने में घबराता है 
बार बार टकरातीं हुयी रेत पर ये समुन्द्र की लहरें
बस कहतीं हैं कहाँ है वो तेरी मीठी बातें, 
और वो तेरे होने का सुहाना सा एहसास.....

बस कहता है, ना अब तू है, ना तेरी आहटें हैं 
बस अब तो मैं हूँ और मेरी तन्हाईयां हैं ....
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  -पी. एस. बघेल